मेरा नाम, अशोक चवन | सपना था, मेरा आदर्श भवन ||
बनाएं उसमे, इतने पैसे | पर भूल गया, छुपाना है कैसे ||
इससे छुट्टी, महारास्त्र की गद्दी | और हुई मेरी छवि, रद्दी ||
कांग्रेस ने छोड़ा, मेरा हाथ | पर छोड़ा नहीं मैंने, राजनीति का साथ ||
उद्घोषित करता हूँ, करके लक्ष्मी की आरती | शुरू की है, भारतीय भ्रष्टाचार पार्टी ||
न्योता है, उन सभी भ्रस्टों को | बैंक खाता, जिनका अरबों मैं हो ||
भ्रस्ट पार्टी मैं, उनकी मुफ्त एंट्री | स्विस बैंक मैं, जिनकी है रजिस्ट्री ||
कृपा न आये वो लोग | रिश्वत का लगाया न हो, जिन्होंने भोग ||
वो भी न दिखाए, अपना थोपद्दा | न हो जिनके पास हजार करोद्द का रोक्द्दा ||
बनाएं उसमे, इतने पैसे | पर भूल गया, छुपाना है कैसे ||
इससे छुट्टी, महारास्त्र की गद्दी | और हुई मेरी छवि, रद्दी ||
कांग्रेस ने छोड़ा, मेरा हाथ | पर छोड़ा नहीं मैंने, राजनीति का साथ ||
उद्घोषित करता हूँ, करके लक्ष्मी की आरती | शुरू की है, भारतीय भ्रष्टाचार पार्टी ||
न्योता है, उन सभी भ्रस्टों को | बैंक खाता, जिनका अरबों मैं हो ||
भ्रस्ट पार्टी मैं, उनकी मुफ्त एंट्री | स्विस बैंक मैं, जिनकी है रजिस्ट्री ||
कृपा न आये वो लोग | रिश्वत का लगाया न हो, जिन्होंने भोग ||
वो भी न दिखाए, अपना थोपद्दा | न हो जिनके पास हजार करोद्द का रोक्द्दा ||
पार्टी का एक ही अजेंडा | नीचा रहे सिस्ताचार का झंडा ||
पार्टी का है, अद्दिग विस्वास | होगा हमारा ही विकास ||
हम पर है अब, माया का साया | अब न होगी, सी.बी.आई की काली छाया ||
फरेबी धोकदारी है, जिनके चरित्र | अब हमारे संग है, वो रेड्डी ब्रदर ||
पैसे से जुडी ये पार्टी, कभी न टूटे | हमारे खिलाफ, होंगे सभी केस झूटे ||
जीतेंगे हम, बहुमत भारी | बस लोगों का वोट हो, काले भूगोल पर आभारी ||
चलो भाइयों अब मजा मादी | नेतृत्व करेंगे सुरेश कलमाड़ी ||
Special thanks to Editor: Mr. Santosh Dhyani.
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